लोग मर गये, मंत्री "अमर" हो गये ------------------------------------ छत्तीसगढ़ की रमन सरकार में कभी आँख फोड़वा कांड,कभी गर्भाशय कांड,पोलियो ड्रॉप से बच्चों की मौत,तो अब नसबंदी में 8 महिलाओं की मौत (32 अभी भी गंभीर)। बार-बार होने वाली ऐसी घटनाओं को थोड़ी गहराई से देखने की जरुरत है। क्या कोई डॉक्टर ऐसा चाहेगा? तो फिर ऐसा क्यों हुआ होगा? या तो डॉक्टरों की उनकी क्षमता से ज्यादा काम करने पर गुणवत्ता में compromise हुआ होगा, या स्टाफ कम होने के कारण कम्पाउण्डर से कई ऐसे काम करवाये गए जो डॉक्टर को करना था, या फिर सरकारी स्टोर में मंत्री के रिश्तेदार द्वारा सप्लाई की गयी दवाई ख़राब थी, या फिर surrounding में hygiene ना होने के कारण infection फ़ैल गया( इसमें भी ठेका, डॉक्टर नहीं प्रशासन यानि मंत्री बांटते हैं).गहराई से समीक्षा कर दोषी व्यक्तियों, दोषी व्यवस्था और दोषी व्यवस्था के लिये दोषी व्यक्तियों की पहचान करने की जरुरत है और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की जरुरत है। 8 लोगो की मौत और 32 लोग जीवन से कर रहे संघर्ष और प्रशासन का जवाब जाँच की जाएगी जैसे जाँच के बाद हमारी व् बहने जी उठेंगी ।अरबो खर्च के नया रायपुर बन सकता है पर हर गाँव व् शहर में एक सर्व सुविधायुक्त हॉस्पिटल होना जरुरी नहीं जिसका सम्बन्ध सीधा हमारे जीवन से है । गुड़ाखू फैक्ट्री चलाने वाले छत्तीसगढ़ के हमारे स्वास्थ्य मंत्री इतिहास के सबसे बड़े बेशर्म मंत्री हैं जिनकी तिजोरी में गरीबों की 100 आँखें, सैकड़ों गर्भाशय, पोलियो ड्रॉप से मरे बच्चों की लाशें और ताजा ताजा 8 महिलाओं की लाश बंद है। और कितना भरेंगे? आखिर में तिजोरी यहीं रह जानी है, वहां तो उनके साथ सिर्फ आहें और चीत्कार जायेंगे। - "आप"का संदीप तिवारी
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