सरकार और सरकारी
तंत्र के लोगों ने आदिवासियों के ऊपर जुल्म किये हैं, उनकी जंगल जमीन छीन उन्हें बेघर कर दिया गया .इन्ही
सब अत्याचारों
का फायदा उठा इतने वर्षों से नक्सलवादी, भोले भाले आदिवासी
बच्चों एवं युवक-युवतियों को
बन्दूक पकड़ा कर सुगम समाधान देने का भ्रम जाल फैला रहे हैं .अपने ऊपर हुए किसी अन्याय का
बदला बन्दूक से लेने के बाद उनके पास और कोई रास्ता बचता नहीं और वो नक्सलवादी
शीर्ष नेताओं के आदेश पर खून खराबा करते फिरते हैं ,और आखिर में जान गँवा बैठते हैं . किसी भी
तरह की
घृणा से पनपने वाले आतंकवादी संगठनों की बिलकुल यही कार्यशैली होती है ,वे ऐसे लोगों को
खोजते रहते हैं जिसके साथ कोई अन्याय हुवा हो . नक्सलवादी खुद जो
आम आदिवासियों के साथ कभी किसी को मुखबिर बता कर तो कभी किसी गरीब आदिवासी की लड़की उठाकर जो अन्याय करते
हैं वो बन्दूक के साए में दबा दी जाती है .पिछले साल नक्सलियों ने एक पूरी
तरह से भरी यात्री बस को इसलिए उड़ा दिया क्यों की उस बस में 12 CRPF के जवानों
ने लिफ्ट ली थी .जो बेकसूर औरतें बच्चे मारे गए उसके लिए नक्सल नेताओं ने
"हमें खेद है " वाला बयान देकर छुट्टी पा ली .ऐसे समय में तथाकथित
मानवाधिकार कार्यकर्त्ता पता नहीं कहाँ गायब हो जाते हैं .
एक ओर भोले भाले आदिवासी हैं और दूसरी ओर अपनी नौकरी करने वाले पुलिस के जवान ,दोनों की जान जा रही और इन्हें लड़वाने वाले अपने अपने आरामगाहों में विराजमान हैं .
आज जरुरत है एक भ्रष्टाचार मुक्त शासन की जो आदिवासी हितों की सिर्फ रक्षा ना करे बल्कि आदिवासी क्षेत्रों में विकास के निर्णय लेने का अधिकार स्थानीय आदिवासियों के हाथ में सौंप दे ,ताकि व्यवस्था के खिलाफ और नए नए लोग बन्दूक ना उठायें . साथ ही इस बात की भी जरुरत है की नक्सलवादी शीर्ष नेत्रित्व को एक समय सीमा के अंदर समर्पण कर मुख्य धारा में आने का विकल्प दिया जाये .जो लोग इतने पर भी बन्दूक छोड़ने राजी ना हों उन्हें देश हित में समूल समाप्त कर दिया जाये .तभी देश को इस गंभीर बीमारी से छुटकारा मिल सकता ,और आदिवासियों के हाथ में सत्ता देने से आदिवासी क्षेत्रों में हो रही लूट पर भी रोक लगेगी .जरुरत है एक इमानदार कोशिश की ,जिसकी उम्मीद भ्रष्ट कांग्रेस और उसकी सहभागी भाजपा से करना व्यर्थ है .आम आदमी पार्टी एक सार्थक विकल्प है ,जो ग्राम स्वराज की पक्षधर है और पूर्ण स्वराज लाने कृत संकल्पित है
एक ओर भोले भाले आदिवासी हैं और दूसरी ओर अपनी नौकरी करने वाले पुलिस के जवान ,दोनों की जान जा रही और इन्हें लड़वाने वाले अपने अपने आरामगाहों में विराजमान हैं .
आज जरुरत है एक भ्रष्टाचार मुक्त शासन की जो आदिवासी हितों की सिर्फ रक्षा ना करे बल्कि आदिवासी क्षेत्रों में विकास के निर्णय लेने का अधिकार स्थानीय आदिवासियों के हाथ में सौंप दे ,ताकि व्यवस्था के खिलाफ और नए नए लोग बन्दूक ना उठायें . साथ ही इस बात की भी जरुरत है की नक्सलवादी शीर्ष नेत्रित्व को एक समय सीमा के अंदर समर्पण कर मुख्य धारा में आने का विकल्प दिया जाये .जो लोग इतने पर भी बन्दूक छोड़ने राजी ना हों उन्हें देश हित में समूल समाप्त कर दिया जाये .तभी देश को इस गंभीर बीमारी से छुटकारा मिल सकता ,और आदिवासियों के हाथ में सत्ता देने से आदिवासी क्षेत्रों में हो रही लूट पर भी रोक लगेगी .जरुरत है एक इमानदार कोशिश की ,जिसकी उम्मीद भ्रष्ट कांग्रेस और उसकी सहभागी भाजपा से करना व्यर्थ है .आम आदमी पार्टी एक सार्थक विकल्प है ,जो ग्राम स्वराज की पक्षधर है और पूर्ण स्वराज लाने कृत संकल्पित है